Mehndi है रचने वाली
मेहंदी का नाम लेते ही चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है, उसकी महक जहन में महक जाती है। शादी हो या त्योहार मेहंदी शामिल न हो, ऐसा हो ही नही सकता। जैसे कि भारत में त्योहारों कि भरमार रहती है कभी करवा चौथ, दिवाली, भाई दूज आदि। करवा चौथ शादी-शुदा सखियों के जीवन का एक महत्व अंग है। करवा चौथ पर सखियाँ सजती सवरती हैं, पूरा शृंगार करती है। करवा चौथ से कुछ दिन पहले ही शादी-शुदा सखी मेहंदी लगवाती है, और उसके रचने व रंग चढ़ने के लिया न जाने क्या-क्या जतन करती हैं, क्योंकि हमारी दादी-नानी के जमाने से ही एक कहावत है, मेहंदी का रंग चढ़ा तो पति प्यार करता है नही चढ़ा तो… समझदार को इशारा ही काफी है। और इस कहावत के चकर में न जाने बेचारे कितने पति शहीद होते हैं। तो आपको भी चाहिए आपकी मेहंदी का गहरा रंग ? तो आइए हम आपकी मदद कर देते हैं।
कुछ घरेलू नुस्खे-
लौंग का धुआँ
मेहंदी के गहरे रंग के लिए आप तवे पर लौंग डालकर गर्म करे। आप देखेंगे कि लौंग धुआँ छोडने लगेगी उसी धुएँ पर सूखने के बाद अपने हाथ को रखे लेकिन गर्म तवे से बचा कर कही आपका हाथ न जल जाए। आप पाएंगे कि आपकी मेहंदी का रंग गहरा हो गया है, लौंग के धुएँ की सहायता से।

सरसों के तेल की सहायता से
आपकी मेहंदी पूरी अच्छी तरह से सुख जाए और आप मेहंदी निकालने की सोचे उसे पहले हाथों पर आप सरसों के तेल को लगा लें, फिर उसके बाद मेहंदी को छुड़ाए। आप पाएंगे की आपकी महंदी गहरे रंग में ढल गयी है।


विक्स को लगाए
आपकी मेहंदी सुख चुकी है, अब बारी है आपके मेहंदी के रंग की तो आइए कुछ ज्यादा मेहनत करने की ज़रूरत नही है। सबसे पहले आप अपनी मेहंदी निकाल दें, फिर उन्ही हाथ पर विक्स लगाए। थोड़ी दर रुके आप पाएंगे की महानदी का रंग गहरा हो गया है।

पानी से डर
एक पुरानी सोच है कि मेहंदी लगवाने के बाद जब मेहंदी आप निकाल दें और उसके बाद पानी में काम न करें। लेकिन हम इस बात से सहमत नही हैं क्योंकि पहले कि मेहंदी पत्तों को तोड़ कर पीस कर बनाई जाती थी,जिसमें केमिकल्स कि एक बूंद तक नही होती थी, परंतु आज के समय में मेहंदी में ज्यादातर केमिकल्स इस्तेमाल किए जाते हैं जैसा कि आप खुद जानते ही हो। जिस कि वजह से मेहंदी का रंग आता ही है। तो पानी से कैसा डर कि मेहंदी का रंग हल्का होगा, क्योंकि मेहंदी का रंग तीन दिन तक चढ़ता ही है।
